देख ना ये रात भी खाली सी गुजर रही है,
सर्दी की ये रातें अब तुम्हारे बिना अधूरी है।
यूँ कब तक तुम्हारी राह ताकतें रहेंगे,
कबतक यूँही जान हम अकेले तरसते रहेंगे।
देखो ना वो वक़्त भी है और समा भी,
वो फूलों की पंखुड़ियाँ भी है सजा के रखी।
ठण्ड भी है यहॉं आज कुछ मेहरबाँ सी,
बस है तुम्हारे सिर्फ छुअन की कमी।
बाहों में ले लो की अब बस ये तुम्हे चाहता है,
आ जाओ जान, की अब हमसे सब्र नहीं होता है..।।
©Meera
#Light#रात्रि_के_जुगनु