*साबरमती के संत तुझको लिख रहा हूं पाती,*
*देश को आजाद कर जो हमको दी थी थाती।*
*क्या हाल किया है बेटों ने तेरे चमन की गांधी,*
*यह विकृत रूप देखकर मेरी फट गई है छाती।*
*रामराज्य के सपनों की बेटो ने बांट लगा दी,*
*फिर से तुझे पुकार रही है भारत देश की माटी*
*तेरी तरह राष्ट्रप्रेम की अब कौन लगाये मुनादी,*
*स्वार्थी अन्धो ने तेरे सपनों की बलि चढ़ा दी।*
*धरती मां के आंचल में कुछ ने है दाग लगा दी,*
*व्यथा स्वरों में बापू तुमको लिख रहा हूं पाती।*
©"ANUPAM"
#Republic Day