मेरी गलतियों की कोई गिनती नहीं है फिर भी, उसके दाम | हिंदी कविता Video

"मेरी गलतियों की कोई गिनती नहीं है फिर भी, उसके दामन में बेशुमार चाहत है। पूरी दुनिया तप रही हो धूप में फिर भी, उसके आंचल में बेशुमार राहत है।। #माँ मेरी गलतियों की कोई गिनती नहीं है फिर भी, उसके दामन में बेशुमार चाहत है। हर आफत से टकरा जाए वो मेरे लिए, बूढ़ी बाजुओं में बेशुमार ताकत है। #पिता मेरी गलतियों की कोई गिनती नहीं है फिर भी, उसके दामन में बेशुमार चाहत है। छोड़ दिया सारी दुनिया जिसने मेरी खातिर, उसकी आंखों में बेशुमार चाहत है। #पत्नी ©ASIF ANWAR "

मेरी गलतियों की कोई गिनती नहीं है फिर भी, उसके दामन में बेशुमार चाहत है। पूरी दुनिया तप रही हो धूप में फिर भी, उसके आंचल में बेशुमार राहत है।। #माँ मेरी गलतियों की कोई गिनती नहीं है फिर भी, उसके दामन में बेशुमार चाहत है। हर आफत से टकरा जाए वो मेरे लिए, बूढ़ी बाजुओं में बेशुमार ताकत है। #पिता मेरी गलतियों की कोई गिनती नहीं है फिर भी, उसके दामन में बेशुमार चाहत है। छोड़ दिया सारी दुनिया जिसने मेरी खातिर, उसकी आंखों में बेशुमार चाहत है। #पत्नी ©ASIF ANWAR

मां—पिता और पत्नी Jasmine of December @Pooja Udeshi @Anshu writer @isha rajput अब्र The Imperfect

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