#तस्वीर#
आँखों में एक तस्वीर उतर आई है
ये ख़्वाब है या सच में किसी की परछाई है
घंटों निहारा मैंने उस तस्वीर को
फिर भी कुछ साफ साफ नहीं दिखा
बस धुँधली सी ही तस्वीर नज़र आयी है
कभी आवाज़ आती उस तस्वीर से
इशारे से मुझे नज़दीक बुलाती वो
जब सामने जाता मैं तो कुछ भी नहीं बोलती
बस मुझे अपनी कातिल निगाहों से देखते ही जाती वो।
#Moon #तस्वीर