एक मुद्दत से आरज़ू थी, थोड़ी सी फुरसत की । गुजारनी थीं कुछ बेशकिमती लम्हें, दिल-ए-अजीज के साथ ।। - अरसों की ख्वाहिश // अनोज कुमार अरसों की ख्वाहिश // अनोज कुमार मेरी कलम,मेरी शायरी Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto