बहुत कमाता हूं पैसे  पिता का कर्ज उतार दूं इतनी औ | हिंदी Love Vi

"बहुत कमाता हूं पैसे  पिता का कर्ज उतार दूं इतनी औकात नही; सोचा था लिखूं पिता पर शब्द संचित कर पाना  मेरे बस की बात नहीं। ©तरुण श्रीवास्तव "

बहुत कमाता हूं पैसे  पिता का कर्ज उतार दूं इतनी औकात नही; सोचा था लिखूं पिता पर शब्द संचित कर पाना  मेरे बस की बात नहीं। ©तरुण श्रीवास्तव

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