तेरे जैसा यार कहाँ, सच्चाई तुम्हें भी पता है, अमरू | हिंदी कविता

"तेरे जैसा यार कहाँ, सच्चाई तुम्हें भी पता है, अमरूद के पेड़ पर आम नहीं आते।। पागलों से दोस्ती रखना मेरे दोस्त, समझदार वक्त पर काम नहीं आते ।| ©Heaven Writter"

 तेरे जैसा यार कहाँ, सच्चाई तुम्हें भी पता है, अमरूद के पेड़ पर आम नहीं आते।।
पागलों से दोस्ती रखना मेरे दोस्त, समझदार वक्त पर काम नहीं आते ।|

©Heaven Writter

तेरे जैसा यार कहाँ, सच्चाई तुम्हें भी पता है, अमरूद के पेड़ पर आम नहीं आते।। पागलों से दोस्ती रखना मेरे दोस्त, समझदार वक्त पर काम नहीं आते ।| ©Heaven Writter

सच्चाई तुम्हें भी पता है, अमरूद के पेड़ पर आम नहीं आते।। पागलों से दोस्ती रखना मेरे दोस्त, समझदार वक्त पर काम नहीं आते ।

#myfriend

People who shared love close

More like this

Trending Topic