शायरी लिखने लगी हूं मैं,
बेवजह ही हँसने लगी हूं मैं,
अपने ही ख्यालों में,
खुद रंगने लगी हूं मैं।
इससे बढ़कर मोहब्बत का
और क्या सबूत दूं तुम्हें,
हाँ इश्क़ करने लगी हूं मैं।।
©Teena Verma (Meera)
शायरी लिखने लगी हूं मैं,
बेवजह ही हँसने लगी हूं मैं,
अपने ही ख्यालों में,
खुद रंगने लगी हूं मैं।
इससे बढ़कर मोहब्बत का
और क्या सबूत दूं तुम्हें,
हाँ इश्क़ करने लगी हूं मैं।।
Meera ❤️