पाने को कुछ नहीं
ले जाने को कुछ नहीं;
उड़ जाएंगे एक दिन
तस्वीर से रंगो की तरह
हम वक्त की टहनी पर ...
बैठे हैं परिंदों की तरह
खटखटाते रहिए दरवाजा...
एक दूसरे के के मन का ;
मुलाकाते ना सही,
आती रहनी चाहिए
नाराज हैं... "जिंदगी"
ना नाराज हैं... "जिंदगी"
बस जो हैं वो आज हैं..."जिंदगी"
©Aryan Pal
#Pattiyan