जब ढह रही हों आस्थाएँ... जब भटक रहे हों रास्ता तो | हिंदी Love

"जब ढह रही हों आस्थाएँ... जब भटक रहे हों रास्ता तो इस संसार में अपने से बड़ी एक #_स्त्री पर कीजिए विश्वास... वह बताएगी सबसे छिपाकर रखा गया अनुभव,, अँधेरों में से निकालकर देगी,एक नई ज़िंदगी स्त्री ही एक ऐसी शख़्सियत होती है जो जहाँ चाहे वहा तुलसी उगा सकती है ..!!!!"

 जब ढह रही हों आस्थाएँ...
जब भटक रहे हों रास्ता
तो इस संसार में 
अपने से बड़ी एक #_स्त्री पर कीजिए विश्वास...
वह बताएगी 
सबसे छिपाकर रखा गया अनुभव,,
अँधेरों में से निकालकर देगी,एक नई ज़िंदगी 
स्त्री ही एक ऐसी शख़्सियत होती है 
जो जहाँ चाहे वहा तुलसी उगा सकती है ..!!!!

जब ढह रही हों आस्थाएँ... जब भटक रहे हों रास्ता तो इस संसार में अपने से बड़ी एक #_स्त्री पर कीजिए विश्वास... वह बताएगी सबसे छिपाकर रखा गया अनुभव,, अँधेरों में से निकालकर देगी,एक नई ज़िंदगी स्त्री ही एक ऐसी शख़्सियत होती है जो जहाँ चाहे वहा तुलसी उगा सकती है ..!!!!

#dilbechara #lady

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