बहुत करीब से अनजान बन के गुज़रे है वो, जो कभी बहुत दूर से पहचान लिया करते थे। बहुत करीब से अनजान बन के गुज़रे है वो,हसती थी हर हाल मे शिकवा भी न करती थी खà¥à¤²à¥€ हवा मे ह. हसती थी हर हाल मे शिकवा भी न करती थी खà¥à¤²à¥€ हवा मे हाट बाजार घूमा फिरा वो करती थी मसà¥à¤¤ मगन सी पंछी वनकर खà¥à¤²à¥‡ गगन मे रहती थी .......... सà¥à¤¨à¤¾ है वो गरीब थी #NojotoQuote #poetry #गरीब #लड़की #गगन #हवा Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto