माँ ब्रह्मचारिणी का वंदन सादा जीवन, संकल्प महान, | हिंदी Poetry

"माँ ब्रह्मचारिणी का वंदन सादा जीवन, संकल्प महान, माँ ब्रह्मचारिणी का ऐसा गुणगान। धैर्य की प्रतिमा, साधना में लीन, जीवन का अर्थ, सिखाती हमें नवीन। व्रत का पालन, तप का अनुष्ठान, सत्य की राह पर, चलता जो इंसान। माँ की कृपा से, मिलता उसे ज्ञान, हों दूर दुख, हो सुखमय जहान। स्निग्ध सौम्या माँ, तप की पहचान, आशीर्वाद से भर देती हैं प्राण। नवरात्रि का दूसरा दिन, है विशेष, माँ ब्रह्मचारिणी के चरणों में वंदन अशेष। ©Ajita Bansal"

 माँ ब्रह्मचारिणी का वंदन

सादा जीवन, संकल्प महान,
माँ ब्रह्मचारिणी का ऐसा गुणगान।
धैर्य की प्रतिमा, साधना में लीन,
जीवन का अर्थ, सिखाती हमें नवीन।

व्रत का पालन, तप का अनुष्ठान,
सत्य की राह पर, चलता जो इंसान।
माँ की कृपा से, मिलता उसे ज्ञान,
हों दूर दुख, हो सुखमय जहान।

स्निग्ध सौम्या माँ, तप की पहचान,
आशीर्वाद से भर देती हैं प्राण।
नवरात्रि का दूसरा दिन, है विशेष,
माँ ब्रह्मचारिणी के चरणों में वंदन अशेष।

©Ajita Bansal

माँ ब्रह्मचारिणी का वंदन सादा जीवन, संकल्प महान, माँ ब्रह्मचारिणी का ऐसा गुणगान। धैर्य की प्रतिमा, साधना में लीन, जीवन का अर्थ, सिखाती हमें नवीन। व्रत का पालन, तप का अनुष्ठान, सत्य की राह पर, चलता जो इंसान। माँ की कृपा से, मिलता उसे ज्ञान, हों दूर दुख, हो सुखमय जहान। स्निग्ध सौम्या माँ, तप की पहचान, आशीर्वाद से भर देती हैं प्राण। नवरात्रि का दूसरा दिन, है विशेष, माँ ब्रह्मचारिणी के चरणों में वंदन अशेष। ©Ajita Bansal

#navratri day 2

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