आंखे बयाँ करती है एहसास को,
सच को ,झूठ को,ख्वाब को,
दिल मै उमड़ते हजारो जज्बात को,
किसी की खामोशी मे उसकी आवाज को,
आंखे बयाँ करती है एहसास को ।।
हमारी हा मे ना ओर ना मे हा को,
हमारे जवाबो से निकले हमारे सवाल को,
हमारी मुस्कराहट के पीछे छुपे मन उदास को,
आंखे बयाँ करती है एहसास को ।।
--Nikunj Talwar