sunset nature मेरे दो चार ख़्वाब है जिन्हें मैं आस | हिंदी Shayari

"sunset nature मेरे दो चार ख़्वाब है जिन्हें मैं आसमां से दूर चाहता हूं। ज़िंदगी चाहे गुमनाम रहें, मौत मैं मनसुर चाहता हूं। ©Hemant Bobade"

 sunset nature मेरे दो चार ख़्वाब है जिन्हें मैं आसमां से दूर चाहता हूं।
ज़िंदगी चाहे गुमनाम रहें,
मौत मैं मनसुर चाहता हूं।

©Hemant Bobade

sunset nature मेरे दो चार ख़्वाब है जिन्हें मैं आसमां से दूर चाहता हूं। ज़िंदगी चाहे गुमनाम रहें, मौत मैं मनसुर चाहता हूं। ©Hemant Bobade

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