बहुत याद आती हो माँ, तुम बहुत याद आती हो, मेरी हद् | हिंदी कविता

"बहुत याद आती हो माँ, तुम बहुत याद आती हो, मेरी हद्द से बड़े इन मकान और मखमल की रज़ाइयों में, तेरी वो गोटे से सजाई चटाई और हाथ से बुनी दसनी, अब बहुत याद आती है माँ, तुम बहुत याद आती हो, पूरी रात ताकते हुए स्याह सी छत्त और ए सी की ठंडक सेट करते हुए, पुराने घर का वो छज्जा और उसपर मस्त बहती पुरवाई, बहुत याद आती है माँ, तुम बहुत याद आती हो, जरा सा बीमार पड़ते ही फेसबुक, वॉट्सएप्प पर 'गेट वेल सून' के मैसेज पड़ते हुए मेरे सर पर गीली पट्टिया बदलते तेरे हाथ की छुवन, बहुत याद आती है माँ, तुम बहुत याद आती हो । ~Vishwa"

 बहुत याद आती हो माँ, तुम बहुत याद आती हो,
मेरी हद्द से बड़े इन मकान और मखमल की रज़ाइयों में,
तेरी वो गोटे से सजाई चटाई और हाथ से बुनी दसनी,
अब बहुत याद आती है माँ, तुम बहुत याद आती हो,

पूरी रात ताकते हुए स्याह सी छत्त और ए सी की ठंडक सेट करते हुए,
पुराने घर का वो छज्जा और उसपर मस्त बहती पुरवाई,
बहुत याद आती है माँ, तुम बहुत याद आती हो,

जरा सा बीमार पड़ते ही फेसबुक, वॉट्सएप्प पर 'गेट वेल सून' के मैसेज पड़ते हुए
मेरे सर पर गीली पट्टिया बदलते तेरे हाथ की छुवन,
बहुत याद आती है माँ, तुम बहुत याद आती हो ।
                                     ~Vishwa

बहुत याद आती हो माँ, तुम बहुत याद आती हो, मेरी हद्द से बड़े इन मकान और मखमल की रज़ाइयों में, तेरी वो गोटे से सजाई चटाई और हाथ से बुनी दसनी, अब बहुत याद आती है माँ, तुम बहुत याद आती हो, पूरी रात ताकते हुए स्याह सी छत्त और ए सी की ठंडक सेट करते हुए, पुराने घर का वो छज्जा और उसपर मस्त बहती पुरवाई, बहुत याद आती है माँ, तुम बहुत याद आती हो, जरा सा बीमार पड़ते ही फेसबुक, वॉट्सएप्प पर 'गेट वेल सून' के मैसेज पड़ते हुए मेरे सर पर गीली पट्टिया बदलते तेरे हाथ की छुवन, बहुत याद आती है माँ, तुम बहुत याद आती हो । ~Vishwa

#mothers_day
#Mom
#maa

People who shared love close

More like this

Trending Topic