अपनी तकलीफों का बोझ थोड़े वक़्त के लिए
किसके कांधे पे सजाऊ
नजर नहीं आता कोई शख्स मुझे जिसे मै अपनी
दर्दो की कहानी सुनाऊं
हैरान हूं मै अपनी ज़िन्दगी से
क्या ज़िन्दगी सबको इतना चौंकाता है
सिर्फ मै ही किस्मत का मारा हूं
या फिर ज़िन्दगी सभी को इतना रुलाता है
©Pawan Karsh
#Pencil