कर के इक-इक ये कलेंडर, ये सभी साल गए खुश मिज़ाजी म | हिंदी Poetry Vide

" कर के इक-इक ये कलेंडर, ये सभी साल गए खुश मिज़ाजी में गए तो कभी बेहाल गए सबकी उम्मीद की झोली कभी खाली न रखी साल जाते हुए इक साल नया डाल गए हेमन्त बोर्डिया . ©Hemant Bordia "

कर के इक-इक ये कलेंडर, ये सभी साल गए खुश मिज़ाजी में गए तो कभी बेहाल गए सबकी उम्मीद की झोली कभी खाली न रखी साल जाते हुए इक साल नया डाल गए हेमन्त बोर्डिया . ©Hemant Bordia

People who shared love close

More like this

Trending Topic