BeHappy चारदिवारे...
कितना वेदना पूर्ण है,
चारदिवारो को पढ़ना..!
कमरे के कौनो में झांकना,
अपने अस्तित्व को कही खो तो नहीं दिया !
लेकिन वो अस्तित्व खोता नहीं,
बस रहता है अपने में ही व्यस्त..
और खुद की खोज मैं निकल पड़ता है,
और खोजना है खुद को,
अपनो की खुशी मैं,
परायो के ताने मैं,
और जिंदगी के उन हालातों मैं,
जब पाया हैं वो मैंने खुद मैं,
इसी आस मैं एक उम्मीद है,
खोज ही लूगी इन चार दीवारो के
बरामदे मैं, कमरो मैं,
छत के गलियारे मैं, खिड़की के झरोखो मैं,
कही ना कही तो खोज ही लूंगी...!
©Shabd_siya_k
#beHappy