प्यासी है धरती, अब तो मेघ नभ् पे छा जाओ, बारिश की | हिंदी Poetry Video

"प्यासी है धरती, अब तो मेघ नभ् पे छा जाओ, बारिश की पहली फ़ुहार से, धरती की पहली प्यास बुझा जाओ, सूखने लगे हैं, पेड़, पौधे और घाँस भी, अब तो उन मे भी, एक छोटी सी जान डाल जाओ, प्यासी है धरती, अब तो मेघ बरस जाओ। तेरे आस में देख कितने किसान बैठे हैं, कम से कम उनकी रोज़ी रोटी के लिए ही तो बरस जाओ, हे मेघ, अब संकोच न कर, अब तो बरस जाओ। सूखने लगे हैं, अब गांवों के कुएँ, तालाब और झरने भी, नदियो की पानी, का भी स्तर, अब तो नीचे होने होने लगा है, अब तो उनकी भी प्यास बुझा जाओ, हे मेघ नभ् पर छा कर अब तो बरस जाओ, प्यासी है धरती, अब तो प्यास बुझा जाओ। अब तो प्यास बुझा जाओ।। ©Anukaran "

प्यासी है धरती, अब तो मेघ नभ् पे छा जाओ, बारिश की पहली फ़ुहार से, धरती की पहली प्यास बुझा जाओ, सूखने लगे हैं, पेड़, पौधे और घाँस भी, अब तो उन मे भी, एक छोटी सी जान डाल जाओ, प्यासी है धरती, अब तो मेघ बरस जाओ। तेरे आस में देख कितने किसान बैठे हैं, कम से कम उनकी रोज़ी रोटी के लिए ही तो बरस जाओ, हे मेघ, अब संकोच न कर, अब तो बरस जाओ। सूखने लगे हैं, अब गांवों के कुएँ, तालाब और झरने भी, नदियो की पानी, का भी स्तर, अब तो नीचे होने होने लगा है, अब तो उनकी भी प्यास बुझा जाओ, हे मेघ नभ् पर छा कर अब तो बरस जाओ, प्यासी है धरती, अब तो प्यास बुझा जाओ। अब तो प्यास बुझा जाओ।। ©Anukaran

#Sun

People who shared love close

More like this

Trending Topic