प्रधानमंत्री की कुर्सी पास इनके क्या नहीं तू सोच म | मराठी शायरी

"प्रधानमंत्री की कुर्सी पास इनके क्या नहीं तू सोच मत । वोट इनके हैं यहां तो सरकार है ।। १ शेंक लेंगे रोटियां भी लाश पर । तू वतन के नाम पे संहार है ।। २ मत उलझ उन बस्तियों में आग है । अब हमारी आपसे दरकार है ।। ३ रोटियां सूखी सही पर चाह है । भूख से सोए न अब परवाह है ।। ४ अब तलक सोचा किसी ने भी नहीं । मौत का फैला क्युँ कारोबार है ।। ५ देख लो नेता बदल कर तुम यहां । पेट भर दे जो तुम्हारा यार है ।। ६ ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR"

 प्रधानमंत्री की कुर्सी पास इनके क्या नहीं तू सोच मत ।
वोट इनके हैं यहां तो सरकार है ।। १

शेंक लेंगे रोटियां भी लाश पर ।
तू वतन के नाम पे संहार है ।। २

मत उलझ उन बस्तियों में आग है ।
अब हमारी आपसे दरकार है ।। ३

रोटियां सूखी सही पर चाह है ।
भूख से सोए न अब परवाह है ।। ४

अब तलक सोचा किसी ने भी नहीं ।
मौत का फैला क्युँ कारोबार है ।। ५

देख लो नेता बदल कर तुम यहां ।
पेट भर दे जो तुम्हारा यार है ।। ६

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

प्रधानमंत्री की कुर्सी पास इनके क्या नहीं तू सोच मत । वोट इनके हैं यहां तो सरकार है ।। १ शेंक लेंगे रोटियां भी लाश पर । तू वतन के नाम पे संहार है ।। २ मत उलझ उन बस्तियों में आग है । अब हमारी आपसे दरकार है ।। ३ रोटियां सूखी सही पर चाह है । भूख से सोए न अब परवाह है ।। ४ अब तलक सोचा किसी ने भी नहीं । मौत का फैला क्युँ कारोबार है ।। ५ देख लो नेता बदल कर तुम यहां । पेट भर दे जो तुम्हारा यार है ।। ६ ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

पास इनके क्या नहीं तू सोच मत ।
वोट इनके हैं यहां तो सरकार है ।। १

शेंक लेंगे रोटियां ये लाश पर ।
अब वतन के नाम पे संहार है ।। २

मत उलझ उन बस्तियों में आग है ।
अब हमारी आपसे दरकार है ।। ३

People who shared love close

More like this

Trending Topic