White लक्ष्मी और कुबेर की, होती पूजा रात।
धनतेरस धनवान की, करैं 'शौक' की बात।।
बरै ज्योति दीपक हरैं, तम घमंड घनघोर।
आशिष दे गणपति करैं, विघ्न दूर चहुंओर।।
सुख वैभव कुछ काल का, सदा रहत नहिं संग।
सच्चा धन परमार्थ का, रखता दूर कुसंग।।
'शौक' यही विनती यही, सबसे मिलिए धाय।
जो सुख में शामिल नहीं, उन तक पहुंचा जाय।।
धनतेरस धनवान की, बड़ी पुरानी रीति।
निर्धन ध्यावै लक्ष्मी, उनकी यह परतीति।।
©Shiv Narayan Saxena
#Dhanteras धनतेरस पर शुभकामनाएं.