कुछ नही बदला दिवाने थे दिवाने ही रहे...!! हम नये श | हिंदी शायरी

"कुछ नही बदला दिवाने थे दिवाने ही रहे...!! हम नये शहरो मे रहकर भी पुराने ही रहे...!!! दिल की बस्ती मे हजार इंकलाब आये मगर...!! दर्द के मौसम सुहाने थे सुहाने ही रहे...!!! हमने अपनी कोशिश बहुत की मगर...!! उनके होठो पर बहाने थे बहाने ही रहे...!!! ©Shattered Dreams"

 कुछ नही बदला दिवाने थे दिवाने ही रहे...!!
हम नये शहरो मे रहकर भी पुराने ही रहे...!!!

दिल की बस्ती मे हजार इंकलाब आये मगर...!!
दर्द के मौसम सुहाने थे सुहाने ही रहे...!!!

हमने अपनी कोशिश बहुत की मगर...!!
उनके होठो पर बहाने थे बहाने ही रहे...!!!

©Shattered Dreams

कुछ नही बदला दिवाने थे दिवाने ही रहे...!! हम नये शहरो मे रहकर भी पुराने ही रहे...!!! दिल की बस्ती मे हजार इंकलाब आये मगर...!! दर्द के मौसम सुहाने थे सुहाने ही रहे...!!! हमने अपनी कोशिश बहुत की मगर...!! उनके होठो पर बहाने थे बहाने ही रहे...!!! ©Shattered Dreams

#fealings

#evening

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