कुफ्र का दम घुट गया शैताँ बहुत रुस्वा हुआ जिस | हिंदी Shayari

"कुफ्र का दम घुट गया शैताँ बहुत रुस्वा हुआ जिस घड़ी दुनिया में आक़ा आपका आना हुआ आपके दम से जहाँ में है उजाला चारसू आपके दम से जहाँ है आज तक महका हुआ ©Meharban Amrohvi"

 कुफ्र का दम  घुट  गया  शैताँ बहुत  रुस्वा हुआ
जिस घड़ी दुनिया में आक़ा आपका आना हुआ

आपके   दम  से   जहाँ   में   है  उजाला  चारसू
आपके  दम  से जहाँ  है आज तक महका हुआ

©Meharban  Amrohvi

कुफ्र का दम घुट गया शैताँ बहुत रुस्वा हुआ जिस घड़ी दुनिया में आक़ा आपका आना हुआ आपके दम से जहाँ में है उजाला चारसू आपके दम से जहाँ है आज तक महका हुआ ©Meharban Amrohvi

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