White सुनसान राहों पर जो सर झुकाए चल रहा हूं
यकीन मानों मैं अंदर ही अंदर खुद ही से लड़ रहा हूं
दिख तो जाती है मुस्कान मेरे चेहरे पर अक्सर
मैं अंदर ही अंदर दिल में उमड़ रहे तूफान को समेटे हुए चल रहा हूं
वाजिब है यूं दुनिया वालों का मुझ पर हंसना
खिल्ली उड़ाना और तंज कसना
मैं हर वार सहकर दिल में हर गम छुपाए चल रहा हूं
यकीन मानों मैं अंदर ही अंदर खुद ही से लड़ रहा हूं
©Jitender Sharma
#SAD #Quote