: थोड़ा सच जान लो ना तुम
जो बताया गया , जो सुनाया गया,
जो कहा गया जरूरी नहीं वही सच हो,
थोड़ा सच जान लो ना तुम
: क्या गुजरा, क्या झेला, क्या काटा, क्या पाया वो पीछे छूट जाने दो,
अब क्या हूं वो सच जान लो तुम
थोड़ा सच जान लो तुम
वो अच्छे हैं वो भोले हैं सब की आयत दिखा रहे हो
हमारी हकीकत पूछी क्या तुमने आज बता रहा हूं
थोड़ा सच जान लो ना तुम
: कल को वो सुबह खोया बिछड़ा, पाया तुम्हे पानी में कंकड़ जितना,
कुछ मिला हमे मांगा क्या तुम्हें
थोड़ा सच जान लो ना तुम..
: हां होती है jealousy मुझे और हो भी क्यों ना अरे में क्यों चाहूंगा लोग
तुम्हें वैसे देखे जैसे में तुम्हें देखता हूं
थोड़ा सच जान लो ना तुम..
: क्या तुमने देखा कुछ गौर किया जो में था, जो तुमने छोड़ आया था,
वो जुनून चाह मेरे अंदर बची थी क्या,
थोड़ा सच जान लो ना तुम
: हमारी दूरियां हमारी जिमेदारी हमारी पतली कलाई देखी क्या तुमने,
हमारी ओर पीछे मुड़ी क्या तुमने, हमारी गलतियां को सही राह दिखाई क्या तुमने
ये थोड़ा सच जान लो ना तुम
खतम
©Mr.Roshan poddar005