देखता हु जब उसे एक सुकून सा मिलता है
जाने क्यों एक अनजान यू अपना सा लगता है ।
होंठों पर शब्द नही , पर मनन में बातों का समंदर सा उठता है।
जाने क्यो एक अनजान से मिलना यू सपना सा लगता है ।
ज़िन्दगी एक खूबसूरत गीत है उस मंज़िल को पाने का
पर जाने क्यों उस अनजान के साथ ये सफर मंज़िल से भी हसीन लगता है ।
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