सुलझी हुई कहानियों मे वो इत्र की बात कहाँ, खुशबू | हिंदी Shayari

"सुलझी हुई कहानियों मे वो इत्र की बात कहाँ, खुशबू तो अनसुलझे लम्हों की करीब खिंचती है। ©Megha Patel"

 सुलझी हुई कहानियों मे वो इत्र की बात कहाँ,

 खुशबू तो अनसुलझे लम्हों की करीब खिंचती है।

©Megha Patel

सुलझी हुई कहानियों मे वो इत्र की बात कहाँ, खुशबू तो अनसुलझे लम्हों की करीब खिंचती है। ©Megha Patel

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