"ग़ैर मौजूदगी तुम्हारी
उदास नहीं करती मुझे।
सोचती हूँ उस वक्त
तेरे होने ना होने से,
क्या फर्क पड़ता है मुझे।
मौजूद तेरा होना,
बेशक खुशी देता है।
लेकिन हर-वक्त....
तुझ में खोकर अपने
वुजूद को खो देती हूँ।
ग़ैर मौजूदगी तुम्हारी
अहसास कराती है,
मुझमें भी एक मैं हूँ।
©@Vandana.Rawat"वन्दू""