"बेटी हूँ कुछ बनना चाहती हुॅ
मैं भी कुछ करना चाहती हूँ
आई हूँ इस जग में
आखों में लेकर सपने हजार
पुरा करने की हिम्मत भी रखतीं हूँ
समझती हूँ माँ की ममता
समझती हूँ पिता का प्यार
पर ना समझ पाया कोई मेरे मन को
बेटी हूँ कुछ बनना चाहती हुॅ
मैं भी कुछ करना चाहती हूँ
घर का काम ही नहीं
सफलता को पाना चाहती हूँ
अपने सपनों को मै भी जीना चाहती हुॅ
बेटी हूँ कुछ बनना चाहती हुॅ
मै भी कुछ बनना चाहती हुॅ
krishna
"