पल्लव की डायरी दौड़ मेरी किसके लिये है अपने मन को स | हिंदी कविता Video

"पल्लव की डायरी दौड़ मेरी किसके लिये है अपने मन को समझा नही पाता हूँ हर रिश्तों में न्याय कर नही पाता हूँ उलाहना प्रताड़ना पाकर सहम जाता हूँ बोझ जिम्मेदारियों तले दबा जाता हूँ उड़ान किस के लिये है मेरी सबकी माँग और पूर्ती में जीवन खपा जाता है ये जिंदगी बता,खुशियॉं पाने में धन दौलत का मौल कियो होता है पँछी की तरह मानव का बोध स्वछंद बिचरन जग में कियो नही होता है इतने गिले शिकवे,बैर बिरोध से स्वागत मानव का कियो होता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" "

पल्लव की डायरी दौड़ मेरी किसके लिये है अपने मन को समझा नही पाता हूँ हर रिश्तों में न्याय कर नही पाता हूँ उलाहना प्रताड़ना पाकर सहम जाता हूँ बोझ जिम्मेदारियों तले दबा जाता हूँ उड़ान किस के लिये है मेरी सबकी माँग और पूर्ती में जीवन खपा जाता है ये जिंदगी बता,खुशियॉं पाने में धन दौलत का मौल कियो होता है पँछी की तरह मानव का बोध स्वछंद बिचरन जग में कियो नही होता है इतने गिले शिकवे,बैर बिरोध से स्वागत मानव का कियो होता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

दौड़ मेरी किस के लिये
#nojotohindi
#Soch

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