सपने लेके आया था आंखो मे
मगर जिंदगी बदल गयी पलको में
जिंदगी से हार चुका हू
जिने के भी पार जा चुका हू
अब सामने सिर्फ एक राह बची हैं
बस उसी पे चल रहा हुं
राह कहा थंबती हैं पता नही
मंजिल कहा हैं पता नही
बस चल रहे हैं युही
क्यों की ये राह कहा ले जायेगी
पता नहीं
©Shruti Kurane
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