पतझड़ की एक शाख सा जीवन नीरव और निस्पंद सा कोरा | English Video

पतझड़ की एक शाख सा जीवन
नीरव और निस्पंद सा

कोरा आँचल, धूमिल दृष्टि
पैरों में पड़ा एक फंद सा

गृहशोभा थी, कलंक हुई क्यों
अंतर में उठे ज्यूँ द्वन्द्व सा

People who shared love close

More like this

Trending Topic