अपना दर्द बयां जो कर दे वो अल्फ़ाज़ कहां से लाऊं
तुझसे मैं जो छिपा सकूं वो गहरा राज कहां से लाऊं
कहने को तो लाख शिकायत करते रहे जमाने से हम
तुझसे कोइ गिला , शिकवा हो वो अहसास कहां से लाऊं
अपना दर्द .........
मेरे हर एहले दिल पे जो अश्क़ तेरी आंखों से आये
तेरे हर वो अश्क़ सुखा दूं ऐसी प्यास कहां से लाऊं
अपना दर्द .........
मीठी - मीठी बातें करके प्यार भी खुद से ज़्यादा करके
तेरे दिल में फिर बस जाऊं वो अंदाज़ कहां से लाऊं
अपना दर्द .........
तेरी हर सांसों की माला डाल गले में , हो मतवाला
साथ तेरे तुझमें खो जाऊं पल वो खाश कहां से लाऊं
अपना दर्द .........
अपना दर्द बयां जो कर दे वो अल्फ़ाज़ कहां से लाऊं
तुझसे मैं जो छिपा सकूं वो गहरा राज कहां से लाऊं