White चैंपियन विनेश को सिर आँखों पर बिठाओ. मान दो. वो देश का गौरव है. पर हरियाणा में election है इसलिये उसे अपनी ट्रॉफी की तरह मत घुमाओ. खेल में राजनीति मत घुसाओ. बृजभूषण शरण सिंह भी नेतागिरी करते थे. BJP को धमकाते थे कि वो SP में चले जाएंगे और 4-5 सीटें हरवा देंगे. पूरी कुश्ती बर्बाद कर दी. जब तक खेल में राजनीति और परिवारवाद घुसा हुआ है, हमें मेडल नहीं मिल सकते. Olympic में मेडल पाने वाले 84 देश थे, हम 71वें नंबर पर आये. ज़रा सा Netherlands छठे नंबर पर है, छोटा सा Korea 8th है. हमारे players के लिये budget था, पूरा support था. पर क्या हुआ? सच तो ये है मेडल पाने के लिये जो 10-15 साल की तैयारी चाहिये उसकी पहले 70 साल में किसी ने परवाह नहीं की. खेलों की सारी Associations कुछ नेताओं, कुछ परिवारों की दुकान बन गई. ये अभी भी पूरी तरह बदला नहीं है. पीछे से वही चलाते हैं. अब भी हम सुन रहे है विनेश को राज्य सभा में लाएँगे, मनु भाकर को Assembly चुनाव लड़वायेंगे. अब players को लेकर या तो राजनीति हो सकती है या सारा focus मेडल लाने पर हो सकता हैं. दोनों तो नहीं हो सकते.
©PRAMILA LALIT SHUKLA
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