White फिर उसी राह से हम गुज़रे हैं फिर वही दर्द है | हिंदी कविता

"White फिर उसी राह से हम गुज़रे हैं फिर वही दर्द है तनहाई है फिर वही आँसू है तड़प है वही फिर वही याद की परछाई है फिर मेरी रुह है छलनी छलनी फिर मेरी साँस पे बन आई है फिर मेरी जान जान जाती है फिर मेरी आँख ये भर आई है फिर मेरे रात दिन उदास हुए फिर मेरे वक्त मुझसे रुठे गए फिर मेरे जख्म हरे होने लगे फिर मेरे अपने मुझसे खोने लगे। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी'"

 White फिर उसी राह से हम गुज़रे हैं
फिर वही दर्द है तनहाई है
फिर वही आँसू है तड़प है वही 
फिर वही याद की परछाई है
फिर मेरी रुह है छलनी छलनी
फिर मेरी साँस पे बन आई है
फिर मेरी जान जान जाती है
फिर मेरी आँख ये भर आई है
फिर मेरे रात दिन उदास हुए
फिर मेरे वक्त मुझसे रुठे गए
फिर मेरे जख्म हरे होने लगे
फिर मेरे अपने मुझसे खोने लगे।

रिपुदमन झा 'पिनाकी'
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक

©रिपुदमन झा 'पिनाकी'

White फिर उसी राह से हम गुज़रे हैं फिर वही दर्द है तनहाई है फिर वही आँसू है तड़प है वही फिर वही याद की परछाई है फिर मेरी रुह है छलनी छलनी फिर मेरी साँस पे बन आई है फिर मेरी जान जान जाती है फिर मेरी आँख ये भर आई है फिर मेरे रात दिन उदास हुए फिर मेरे वक्त मुझसे रुठे गए फिर मेरे जख्म हरे होने लगे फिर मेरे अपने मुझसे खोने लगे। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी'

#फिर

People who shared love close

More like this

Trending Topic