दिल की किताब..
आज खोली दिल की किताब तो,
कुछ पन्ने अतीत के पलटे मैंने,
खिलते अरमानों के मुर्झाये ख्वाब,
घुट-घुट कर दम तोड़ते देखे मैंने,
धुंधली-धुंधली सी हो गयी थी जो यादें,
जाकर उन लम्हों में, धुंध हटायी मैनें,
सिकुड़ से गये थे कुछ पन्ने जो जिंदगी के,
करके समतल उनको
नयी जिंदगी की, नयी उम्मीद, जगाई मैंने..।।
शंकरदास
©Motivational writter
#दिल #किताब
दिल की किताब..
आज खोली दिल की किताब तो,
कुछ पन्ने अतीत के पलटे मैंने,
खिलते अरमानों के मुर्झाये ख्वाब,