लता दीदी थी संगीत की नाज याद करते उन्हें हम आज सुर | हिंदी कविता

"लता दीदी थी संगीत की नाज याद करते उन्हें हम आज सुर-साज की दुनिया की सदा रहेगी उन पर ही ताज संगीत की थी और रहेगी वो ही परवाज आज भी उनके सुर से चारों तरफ होती आगाज दुनिया आज भी कायल उनकी आवाज की ऐसी थी उनके सुरमई काज पुण्यतिथि पर शत-शत नमन ©अनुराग अचल"

 लता दीदी थी संगीत की नाज
याद करते उन्हें हम आज
सुर-साज की दुनिया की सदा रहेगी उन पर ही ताज
संगीत की थी और रहेगी वो ही परवाज
आज भी उनके सुर से चारों तरफ होती आगाज
दुनिया आज भी कायल उनकी आवाज की ऐसी थी उनके सुरमई  काज

पुण्यतिथि पर शत-शत नमन

©अनुराग अचल

लता दीदी थी संगीत की नाज याद करते उन्हें हम आज सुर-साज की दुनिया की सदा रहेगी उन पर ही ताज संगीत की थी और रहेगी वो ही परवाज आज भी उनके सुर से चारों तरफ होती आगाज दुनिया आज भी कायल उनकी आवाज की ऐसी थी उनके सुरमई काज पुण्यतिथि पर शत-शत नमन ©अनुराग अचल

#LataJi

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