इन रातों मे कुछ रातें याद आती हैं
तुमसे की हुई कुछ बाते याद आती हैं
कुछ ख्वाब तारों की तरह टूटते हैं
कुछ हाथ जैसे हाथों से छूटते हैं
इन अंधेरों मे एक उजाला नजर आता हैं
जैसे ख्वाबों मे उनका चहरा नजर आता हैं
इस खमोशी मे भी बहुत जोर होता हैं
दिल की आवाज का कितना शोर होता हैं
ऐसे ही खयालों मे नींद आ जाती हैं
और आखिर ये रात पूरी हो जाती हैं।
इन रातों मे कुछ रातें याद आती हैं
तुमसे की हुई कुछ बाते याद आती हैं
कुछ ख्वाब तारों की तरह टूटते हैं
कुछ हाथ जैसे हाथों से छूटते हैं
इन अंधेरों मे एक उजाला नजर आता हैं
जैसे ख्वाबों मे उनका चहरा नजर आता हैं
इस खमोशी मे भी बहुत जोर होता हैं
दिल की आवाज का कितना शोर होता हैं