White फिक्र ना कर उम्र ए ढलान की। रहलत ने बक्शी है | हिंदी कविता

"White फिक्र ना कर उम्र ए ढलान की। रहलत ने बक्शी है उम्र सौ साल की।। होगे पूरे जब उम्र सौ साल की आयोजन करना महफिल ए यारॉ की। नज्म जब छिङेगे महफिल मे यारो की मधुर आवाज गूॅजेगी महफिल यारो की।। गूॅजेगी तालियॉ महफिल मे यारो की। ©रघुराम"

 White फिक्र ना कर उम्र ए ढलान की।
रहलत ने बक्शी है उम्र सौ साल की।।
होगे पूरे जब उम्र सौ साल की
आयोजन करना महफिल ए यारॉ की।
नज्म जब छिङेगे महफिल मे यारो की
मधुर आवाज गूॅजेगी महफिल यारो की।।
गूॅजेगी तालियॉ महफिल मे यारो की।

©रघुराम

White फिक्र ना कर उम्र ए ढलान की। रहलत ने बक्शी है उम्र सौ साल की।। होगे पूरे जब उम्र सौ साल की आयोजन करना महफिल ए यारॉ की। नज्म जब छिङेगे महफिल मे यारो की मधुर आवाज गूॅजेगी महफिल यारो की।। गूॅजेगी तालियॉ महफिल मे यारो की। ©रघुराम

#good_night सौ साल

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