यारी निभाई देखी न जात धर्म न जाना
न राजमुकूट का अहम किया
न सोचा क्या कहेगा ज़माना
रथ पर कर सवार दिखाया जो द्वारकाधीश ने
आज तक किसी ने मीत का ऐसा अर्थ न जाना
जरा भी न भेदभाव करा
बिछा दिया चरणों में फूलों का बिछौना
बरसों बाद जल ही क्या दुग्ध अभिषेक भी करा
तोहफे के नाम पर खा गए एक एक चावल का दाना
संभव नहीं अब यहां ऐसी प्रीत न मीत पर
ह्रदय में बसा लें इस रिश्ते के पग की धूल भी गर
तो सरल हो जाए हर रिश्ता निभाना
जिसे संसार कहता है कृष्ण और सुदामा
HAPPY FRIENDSHIP DAY ❤️❤️🤗🤗
©Kunal Tanwar
Happy friendship day to all
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