जो मैं हूँ नहीँ... वो तुम्हें लगूँगी कैसे !
खार हूँ मैं.... फिर कली सी महकूँगी कैसे ।।
कोई और होगी वो जिससे चमकेगा तुम्हारी किस्मत का तारा
चाँद का दाग हूँ मैं.... तुम्हें चमकता दिखूंगी कैसे ।।
दो गहरी झील सी आँखे होगी , जिसमें तेरा डूब जाने को जी चाहेगा,
कोई हूर नहीँ हुँ मैं...फिर तुम्हें खूबसूरत लगूँगी कैसे ।।
तुम्हारें हसीं ख्वाबों की ताबिर होगी और कोई
"ख्वाहिश" हूँ मैं.. फिर तुम्हें मुक्कमल हो जाऊँगी कैसे ।।
#ख़्वाहिश हूँ मैं ...तुम्हें #मुक़म्मल हो जाऊँगी कैसे....
#khwahishshah