White सूरज में बेपनाह आग हैं मगर...
आसमाँ का बदन जल नहीं सकता...!!
कुदरत के भी अपने उसूल होते हैं...
रात की दोस्ती में सवेरा ढल नहीं सकता...!!
कोई कितनी भी रफ्तार से दौड़ता हो मगर...
वक्त से तेज चल नहीं सकता...!!
हर कदम पर ठोकरें मिली हो जिसे...
वो लड़खड़ाता ही रहेगा सँभल नहीं सकता...!!
जिंदगी ने यहीं सिखाया हैं "आशीष"...
कोई कितनी भी कोशिश कर ले मगर किस्मत का लिखा बदल नहीं सकता...!!
©Ashish Mishra
#Sad_shayri