मेरे चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा है
पर मैं सहर के इंतजार में हूं
पतझड़ भी बीत चुका है धीरे-धीरे
यहां मैं बाहर के इख्तियार में हूं
©ashish gupta
#autumn
मेरे चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा है
पर मैं सहर के इंतजार में हूं
पतझड़ भी बीत चुका है धीरे-धीरे
यहां मैं बाहर के इख्तियार में हूं