इन आंसुओं की नदी को बह जाने दे ।
दिल के दर्द की आग को भड़क जानें दे ।
मेरी आंख से रडकता कचरा निकल जाने दे ।
जिस्म से निकली रूह को आज अलग हो जानें दे ।
आज तो तुझे किसी और का हो जानें दे ।
आज तो तुझे किसी और का हो जानें दे ।
©AD zaire
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