White बरसों से खटकता रहा हूं जिन आंखों में,,
अब मैं उनमें रगड़ने लगा हूं
फूटी आंख ना सुहाया किसी को,
चुभता रहा ना भाया किसी को,
आज उनमें और भी ज्यादा चुभने लगा हूं मैं
दिल के दरिया का जो पानी
सालों से
आंखो से बह बह कर सूख चुका,
जिसकी तलहटी को खुंद खूंद कर
उसकी परतों से खून तक चूस डाला,
जो अब बंजर सुनसान परतों की पपड़ी
खाक बन कर उड़ती है तो
उस धूल से उनकी आंखों में जो हल्की सी परेशानी है ,,
वैसा एक कचरा/ तिनका बना हुआ हूं मैं ,,....
©Rakesh frnds4ever
#फूटिआंखनसुहायकिसिको
#बरसों से खटकता रहा हूं जिन #आंखों में,,
अब मैं उनमें रगड़ने लगा हूं
फूटी आंख ना सुहाया किसी को,#चुभता रहा ना भाया किसी को,
आज उनमें और भी ज्यादा चुभने लगा हूं मैं
#दिलकादरिया♥ का जो पानी सालों से आंखो से बह बह कर सूख चुका, जिसकी #तलहटी को खुंद खूंद कर उसकी #परतों से खून तक चूस डाला,
जो अब #बंजर सुनसान परतों की पपड़ी खाक बन कर उड़ती है तो