मत पूंछो की तुम्हारे बिना कैसे गुजरती हैं, ये राते | हिंदी Shayari
"मत पूंछो की तुम्हारे बिना कैसे गुजरती हैं, ये रातें ।
नींद आती नहीं बस याद आती हैं, तुम्हारी बातें ।।
काश मेरी तकिया बोल पाती, तो तुम्हे बताती ।
की में इन रातों में कितना रोया हूं, और कितना सोया हूं ।।"
मत पूंछो की तुम्हारे बिना कैसे गुजरती हैं, ये रातें ।
नींद आती नहीं बस याद आती हैं, तुम्हारी बातें ।।
काश मेरी तकिया बोल पाती, तो तुम्हे बताती ।
की में इन रातों में कितना रोया हूं, और कितना सोया हूं ।।