वो तो वाकिफ़ था, में रूठ जाती हूं के जब बात न हो पा | हिंदी शायरी

"वो तो वाकिफ़ था, में रूठ जाती हूं के जब बात न हो पाए.. फिर यू हफ्ते भर वक़्त न मिलना, दूर जाने की साज़िश थी शायद। ©Shivani Gupta"

 वो तो वाकिफ़ था, में रूठ जाती हूं के जब बात न हो पाए..
फिर यू हफ्ते भर वक़्त न मिलना, दूर जाने की साज़िश थी शायद।

©Shivani Gupta

वो तो वाकिफ़ था, में रूठ जाती हूं के जब बात न हो पाए.. फिर यू हफ्ते भर वक़्त न मिलना, दूर जाने की साज़िश थी शायद। ©Shivani Gupta

#walkingalone #Broken #Ne

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