बाज़ार में घूमते घूमते जब मेरी नज़र उस खिलौने पर पड | हिंदी शायरी
"बाज़ार में घूमते घूमते जब मेरी नज़र उस खिलौने पर पड़ी, जिसको देखकर अपना बचपन जिया,
जिससे मुझे पहली मोहब्बत हुआ।
थी बड़ी मासूम वो,
उस खिलोने की आड में
मैंने मोहब्बत किया।"
बाज़ार में घूमते घूमते जब मेरी नज़र उस खिलौने पर पड़ी, जिसको देखकर अपना बचपन जिया,
जिससे मुझे पहली मोहब्बत हुआ।
थी बड़ी मासूम वो,
उस खिलोने की आड में
मैंने मोहब्बत किया।