ये जिंदगी नही है दोबारा,
इसे युंही किसी को तडपाते हूए न गवाना|
ये तो है एक गुब्बारा,
किसी की नफरत की हवा से इसे न उडाना|
ये तो है किसी का सहारा ,
किसी को तकलीफ देकें इसे न गवाना|
ये तो है वो उम्मीद का तारा ,
किसी की दुःखो का कारण बनके इसे न बुझाना|
क्योकी ये जिंदगी नही है दोबारा इसे युंही किसी को तडपाते हूए न गवाना
©Bhavna Bharambe
कविता
#NationalSimplicityDay