एक बार स्वामी विवेकानंद और उनके मित्र अमेरिका जा रहे थे चारो ओर नीला आसमान और नीला पानी था और तभी स्वामी जी को अखबार दिखा तो उन्होंने पढ़ने के लिए उसे जहाज के कप्तान से मांगा और कप्तान ने अखबार तो दे दिया लेकिन कहा की मैंने अखबार अभी पड़ा नहीं है तो मुझे पड़के अखबार दे देना तो उन्होंने हां कर दी जब स्वामी जी ने अखबार पड़ लिया तो उनके दोस्त ने अखबार पढ़ने को मांगा तो उन्होंने दोस्त को अखबार दे दिया जब उनका दोस्त अखबार पड़ रहा था अचानक हवा चली और अखबार समुद्र मैं चला गया यह देख कर कप्तान स्वामी जो को भला बुरा कहने लगा स्वामी जी ने पूंछा की कागज और पेन है तो कप्तान ने कागज और पेन दे दी कप्तान घूरता रहा स्वामी जी लिखते रहे और कुछ समय बाद उन्होंने कागज कप्तान के हाथ मै दिया और कहा की को कुछ अखबार था वो इस कागज मैं है जब जहाज अमेरिका पहुंचा तो कप्तान ने वहां से अखबार लिया और स्वामी जी द्वारा लिखा गया मिला लगा उसमे वर्ड टू वर्ड वही लिखा था जो अखबार मैं था तो उसने कहा की इसमें तो supernatural powers है ये तो सिर्फ ब्रम्हचर्य से ही आ सकती और केवल ब्रम्हचर्य नहीं बल्कि ये व्यक्ति अद्भुत है और उसने वहीं पर ये स्टेटमेंट दिया ।
©Lokesh singh gound
#स्वामीविवेकानंद